Wifi kya hai what is wifi
वाईफाई किस काम में आता है और इसे कैसे उपयोग में लेते हैं यह तो हम सबको पता है लेकिन क्या आपको पता है की वाईफाई के पीछे का इतिहास क्या है (history of wifi )वाईफाई क्या है wifi kya hai what is wifi in hindi वाईफाई के जनक किसे कहा जाता है जब इंटरनेट को आए हुए कुछ समय हुआ तो लोग केबल के माध्यम से इंटरनेट चलाया करते थे लेकिन धीरे-धीरे इंटरनेट में कई सारे बदलाव हुए और आज इंटरनेट ने बहुत बड़ा रूप ले लिया है
Wifi (वाईफाई) को लेकर यदि आपके भी मन में बहुत सारे सवाल उठ रहे हैं तो इस लेख को लास्ट तक पढ़ते रहे इस संपूर्ण लेख में हम आपको बताएंगे कि wifi kya hai what is wifi in hindi और यह कैसे काम करता है इसकी शुरुआत कैसे हुई वाईफाई का इतिहास क्या है (history of wifi) wifi टेक्नोलॉजी कैसे बनी आदि और कई सारे सवाल जो आपके मन में चल रहे हैं वह सब आपको इस संपूर्ण आर्टिकल में मिलने वाले हैं
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दोस्तो वाईफाई एक वायरलेस इंटरनेट है वाईफाई रेडियो तरंगों के रूप में लोगों को इंटरनेट प्रोवाइड कराता है वाईफाई वायरलेस नेटवर्क का एक सबसे पुराना और लोगों का लोकप्रिय नेटवर्क है इसके जरिए हम अपने कंप्यूटर और मोबाइल मैं बिना किसी वायरलेस कनेक्शन के इंटरनेट चला सकते हैं आजकल लोग घर पर और ऑफिस मेंं काम करने के लिए वाईफाई कनेक्शन लगाते हैं वाईफाई एक निश्चित स्थान मैं काम करता है वाईफाई के माध्यम से हम हमारे फोन में बिना किसी मोबाइल डाटा के इंटरनेट चला सकते हैं एक वाईफाई के माध्यम से हम कई सारे हैं फोन और कंप्यूटर को कनेक्ट करके एक साथ चला सकते हैं
दोस्तों वैसे तो वाईफाई का जन्म 1985 में हो गया था लेकिन इसे लोगों तक 1997 में लाया गया था यूनाइटेड स्टेट fcc ( federal communications commission ) ने यह ऐलान किया कि IEEE (Institute Electrical Electronic Engineers) 802.11 प्रोटोकॉल को बिना लाइसेंस के कोई भी व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है और उस समय से मानो वाईफाई का इतिहास (history) शुरू हो गई थी
1997 में जब 802.11 को प्रकाशित किया गया तब इसकी स्पीड 2 मेगाबाइट प्रति सेकंड थी लेकिन बाद में इसमें बहुत कुछ बदला हुआ और इसे एक बार फिर से 1999 में नए रूप में प्रकाशित किया गया था 1999 में इसका नाम बदलकर 802.11a कर दिया गया इस वर्जन की स्पीड पहले वर्जन के मुकाबले काफी ज्यादा थी इस वर्जन की स्पीड 54 मेगाबाइट थी लेकिन इस वर्जन की सबसे बड़ी कमजोरी है यह थी कि यह काफी महंगा था
इसके बाद इसे और अपडेट किया गया और इसका और अगला वर्जन निकाला गया इसके अगले वर्जन का नाम 802.11b था इस वर्जन को लोगों के लिए काफी सस्ता रखा गया वह इसकी स्पीड भी पहले वाले दो वर्जन के मुकाबला कई गुना ज्यादा हो गई थी और बाद में देखतेे ही देखते 802.11b पूरी दुनिया लोकप्रिय हो गया
इस वर्जन के बाद 2003 में इसका और पहले से ज्यादा बेहतर वर्जन आया था इस वर्जन का नाम 802.11g था
इसके बाद इसका और कई गुना बेहतर और पहले से बहुत सस्ता वर्जन 2009 में और आया जिसका नाम 802.11n था
इस वर्जन के बाद 5 साल बाद इसका एक और बड़ा रूप आया यह वर्जन 2014 में लांच हुआ जिसका नाम 802.11ac था
इस वर्जन के बहुत समय बाद इसका एक और रूप देखनेे को मिला इसका यह रूप 2019 मेंं आया था इसके इस रूप का नाम 802.11ax standard था
दोस्तों आज आप और हम वाईफाई का इस्तेमाल तो रोजाना करते हैं वाईफाई के माध्यम से आप और हम सभी को काम करना कितना आसान हो गया है लेकिन हमें यह नहीं पता की इतनी बड़ी नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी का आविष्कार किसनेे किया इस टेक्नोलॉजी को बनाने वाले महान वैज्ञानिक का क्या नाम है तो चलिए मैं आपको बताता हु
वाईफाई का पूरा श्रेय gohn O sullivan को जाता है वैसे तो वाईफाई को इन्होंने अकेले नहीं बनाया था इनके साथ इनकी टीम में और भी कई सारे लोग शामिल थे लेकिन बाद में जो वाईफाई में अच्छा खासा इंप्रूवमेंट नहीं हुआ तो इन्होंने वाईफाई मैं खुद से ही बहुत सारे चेंजर किए ताकि वाईफाई को और बेहतर बनाया जा सके इसके बाद इन्होंने काफी कुछ बदलाव किया और वाईफाई को पहले से बेहतर और बहुत ही फास्ट बनाया इन्होंने वाईफाई की स्पीड को पहले के मुकाबले कई गुना तेज कर दिया था इसलिए वाईफाई बनाने का पूरा श्रेय gohn o sullivan को जाता है
यदि आज के वाईफाई कि हम बात करें तो आजकल कई सारी कंपनियों के वाईफाई राउटर इतने तेज और फास्ट आ गए हैं कि इनकी नेटवर्किंग स्पीड 900 मेगाबाइट पर सेकंड है और आगे भी इसे और भी ज्यादा फास्ट बनाने की पूरी तैयारी की जा रही है
दोस्तों आजकल हमारे आसपास कई सारे घर ऑफिस कॉलेज और हॉस्पिटल स्कूल आदि में सारा का सारा काम ऑनलाइन हो गया है और इसके लिए इन स्थानों पर कई सारे कंप्यूटर और लैपटॉप लगे हुए रहतेे हैं और अब इनमें डाटा को स्थानांतरित एक जगह सेे दूसरी जगह भेजने के लिए इंटरनेट की आवश्यकता होती है इसके लिए यह लोग अपनी छत या अन्य जगहों पर वाईफाई कनेक्शन लगाते हैं जो के पूर्ण तरह से वायरलेेस नहीं होता है इसमें ज्यादा बड़ी तो नहीं लेकिन छोटी सी एक वायर लगी हुई रहती है जो ऊपर लगे एंटीना और बॉक्स को और उस बॉक्स केेे माध्यम से हम और सभी लोग इंटरनेट का भरपूर आनंद उठा सकते है
लेकिन अब समय बदल गया है और टेक्नोलॉजी बहुत फास्ट हो गई है अब वाईफाई कनेक्शन के लिए सिर्फ एक छोटा सा पैकेट जो हमारे पॉकेट मैं भी आसानी से आ जाता है इतने छोटे से बॉक्स की मदद से हम आसानी से कहीं पर भी अपने मोबाइल कंप्यूटर और लैपटॉप को आसानी से कनेक्ट करके इंटरनेट चला सकते हैं इस छोटे से बॉक्स में एक छोटी बैटरी और सारा वाईफाई हॉटस्पॉट कनेक्शन रहता है इसमें हमें एक सिम लगानी होती है के बाद हम इसका आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं
लेकिन दोस्तों अब टेक्नोलॉजी पहले से और कई गुना ज्यादा फास्ट और एडवांस हो गई है अब जो मोबाइल कंपनियां मोबाइल बनाती है उन्होंने भी मोबाइल में ही हॉटस्पॉट कनेक्शन दे दिया है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति उस मोबाइल फोन से आसानी से हॉटस्पॉट कनेक्ट करके इंटरनेट का मजा ले सकता है इसके लिए बस सामने वाले के मोबाइल फोन में मोबाइल प्रीपेड बैलेंस होना चाहिए
इसकी बस एक छोटी सी बात है की वाईफाई कनेक्शन और मोबाइल हॉटस्पॉट यह सिर्फ एक सीमित क्षेत्र में ही काम करता है का एक निश्चिंत स्थान होता है उसी स्थान में जो भी कंप्यूटर लैपटॉप और मोबाइल फोन होते हैं रहे इसको कनेक्ट करके आसानी से अपने फोन में इंटरनेट चला सकते हैं कुल मिलाकर यह एक छोटे से स्थान को माना करते है जिसे wifi zone कहा जाता है
हम किसी भी प्रकार के डिवाइस को चलाने के लिए इंटरनेट की आवश्यकता होती है और हम हमारे फोन या कंप्यूटर में दो प्रकार से इंटरनेट चला सकते हैं पहला तो किसी सिम में डाटा प्लान करा कर इंटरनेट चला सकतेे हैं और दूसरा तरीका है वाईफाई जी हां अधिकतर लोग अपने घर ,ऑफिस ,स्कूल ,कॉलेज और अपने लैपटॉप या कंप्यूटर को चलाााने के लिए अधिकतर लोग वाईफाई का ही इस्तेमाल करते हैं और हमें वाईफाई का उपयोग करने के लिए एक राउटर लगाना होता है जिससे हम हॉटस्पॉट कनेक्ट करके हम हमारे फोन या कंप्यूटर मेंं आसानी से इंटरनेट चला सकते है
राउटर एक प्रकार का छोटा सा डिवाइस या गैजेट होताा है जो किसी भी कंप्यूटर लैपटॉप या मोबाइल को इंटरनेट से कनेक्ट करता है वाईफाई कई प्रकार के होते हैं कई सारे वाईफाई को एक केबल के माध्यम से जोड़ा जाता है और अब कई सारे आधुनिक राउटर आने लगे हैं जो बिना किसी केबल कनेक्शन के भी हमेंं हाई स्पीड इंटरनेट देते हैं आज के इस आधुनिक युग में कई सारे ऐसे मिनी राउटर बन गए हैं
जिन्हें हम हमारे पॉकेट मैंं भी आसानी से रख सकते हैं और कहीं पर भी किसी भी जगह हम उस राउटर को कनेक्ट करके लैपटॉप या मोबाइल में हाई स्पीड इंटरनेट चला सकतेे हैं इस मिनी राउटर को हमें चार्ज करने की जरूरत पड़ती हैै जबकि जो राउटर हमारे घर या ऑफिस मेंं लगे रहते हैं उनको हम डायरेक्ट बिजली के माध्यम से चलना पड़ता है
राउटर कैसे काम करता है:-
एक राउटर का काम आता है किसी डिवाइस में इंटरनेट पहुंचाना जब राउटर डाटा पैकेट को किसी भी डिवाइस में फॉरवर्ड करता है अगर मैं आपको सरल शब्दों में समझाऊं तो इसका मतलब यह है की राउटर एक नेटवर्क को दूसरे नेटवर्क फॉरवर्ड करता है राउटर का क्या काम होता है किसी भी पॉकेट को किसी से लेना और किसी भी डिवाइस को देना
दोस्तों वैसे तो वाईफाई 1,2,3,4,5, और 6 वाईफाई की पीढ़ियां है जैसे-जैसे वाईफाई की दुनिया में वाईफाई का और विस्तार होता गया वैसे वैसे वाईफाई की एक से बढ़कर एक टेक्नोलॉजी आगे आने लगी जिसके कारण जैसे-जैसे वाईफाई में और इंप्रूवमेंट होता गया वैसे वैसे इसे नंबर दे दिए गए वैसे तो इन नंबर्स का मतलब कुछ और निकलता है लेकिन वह नंबर बहुत ही हार्ड है और वह लोगों को आसानी से याद नहींं रहता है इसलिए इसको 1,2,3,4,5, और 6 नाम दे दिया गया है चलिए मैं आपको आगे wi fi 6 को विस्तार से समझाता हूं
Wifi 6 का पूरा नाम “802.11ax wifi” है इस जनरेशन को एक और नाम ax wifi के नाम से भी जाना जाता है wifi को 15 अगस्त 2017 को मार्केट में लाया गया इसे मार्केट में 802.11ax नाम के रूप में उतारा गया था वाईफाई की स्पीड 10 जीपीपीएस प्रति सेकंड तक आप की गई है और इस जनरेसन से पहले वाईफाई की 5 किस स्पीड 3 पॉइंट 5 जीबीपीएस प्रति सेकंड तक थी
वाईफाई एक ऐसी नेटवर्किंग सर्विसेज जो लोगों को कई गुना स्पीड में इंटरनेट चलाने और उनके किसी भी फाइल या डाउनलोड हो फास्ट कर देने वाली तकनीक है इसके माध्यम से कई लोगों को इंटरनेट चलाने में परेशानी नहींं आती है और अपने काम को इंटरनेट के माध्यम से कई गुना सरल और फास्ट बना लेते है Wifi full form – wifi का पूरा नाम wireless fidelity होता है
आज के इस आधुनिक रूप है लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट की जरूरत है और इसी जरूरत को पूरा करने के लिए कई सारी यूनिवर्सिटी लााईफाई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है ताकि फ्यूूचर में इंटरनेट और ना ट्रांसफर को और कई गुना फास्ट बनाया जा सके लाााईफाई टेक्नोलॉजी जो वाईफाई से कई गुना आधुनिक और एडवांस है चलिए अब मैं आपको वाईफाई और टाइफाइड में क्या चेंज है इन दोनों में क्या अंतर है वह समझाता हूं
Lifi- लाईफाई एक वायरलेस डाटा ट्रांसफर टेक्नोलॉजी है इस टेक्नोलॉजी के द्वारा किसी भी डिवाइस मैं डाटा भेजने या किसी व्यक्ति विशेष को डाटा ट्रांसफर करने के लिए प्रकाश की किरणों का प्रयोग किया जाता है
Wifi- वाईफाई टेक्नोलॉजी में इसी मेरी डिवाइस में डाटा भेजने या लेने के लिए radio waves तरंगों का इस्तेमााल किया जाता है
चलिए अब मैं आपको वाईफाई वाईफाई से हमें क्या-क्या फायदे उनके बारेे में बताता हूं
चलिए अब मैं आपको वाईफाई के क्या नुकसान है के बारे में बताता हूं
वाईफाई कॉलिंग में आपको किसी भी व्यक्ति से बात करने के लिए किसी रोमिंग बैलेंस की जरूरत नहीं होती हैै क्योंकि इसमें आप अपने हॉटस्पॉट या अपने राउटर के माध्यम से वाईफाई कनेक्ट करके किसी भी व्यक्ति से फ्री में घंटों बातेंं कर सकते हैं इसके लिए बस दोनों तरफ वाईफाई कनेक्शन होना चाहिए और इसके साथ आप फ्री में बात करने का लुफ्त मजा उठा सकते हो
12. वाईफाई का भविष्य कैसा है:- दोस्तों फ्यूचर में वाईफाई का भविष्य खतरे में आ सकता है क्योंकि अभी आधुनिक युग में कई सारी एडवांस टेक्नोलॉजी पर काम किया जा रहा है जैसे लाईफाई अगर यह टेक्नोलॉजी मार्केट में आ गई तो लोग वाईफाई को भूल जाएंगे क्योंकि यह लाईफाई टेक्नोलॉजी वाईफाई टेक्नोलॉजी केे कई गुना सरल सहज और एडवांस और हाई स्पीड इंटरनेट प्रदान करने वाली है और भी कई सर यूनिवर्सिटी कंप्यूटर और लैपटॉप को हाई स्पीड इंटरनेट प्रदान करवाने के लिए वाईफाई के जैसी कई सारी एडवांस टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है
तो हम आशा करते हैं कि आपको यह समझ में आ गया होगा कि wifi kya hai what is wifi क्या होते हैं
अगर आपको यह हमारा आर्टिकल wifi kya hai what is wifi in hindi नॉलेजेबल लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक व्हाट्सएप टि्वटर हद सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जरूर शेयर करें
हमारे इस संपूर्ण लेख को आज तक पढ़ने के लिए आपका प्रेम पूर्वक बहुत-बहुत धन्यवाद
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सर आप बहुत अचछे लेख लिखते हो
Thank you so much